Janki Nath Sahay Kare Lyrics जानकी नाथ सहाय करें


जानकी नाथ सहाय करें 
जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो .. 

सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो . 
राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो .. 

दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो . 
ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो .. 

जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो . 
रघुवंशी संतन सुखदायी तुलसीदास चरनन को चेरो .. 

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