श्री खाटू श्याम जी की आरती Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti


राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर देश-विदेश में प्रसिद्ध है . खाटू श्याम जी को शीश का दानी के नाम से भी जाना जाता है| इनके इस महान बलिदान को देखकर भगवन श्री कृष्ण ने वीर बर्बरीक को यह वरदान दिया कि यह संसार कलयुग में तुम्हारे मेरे नाम से श्याम, से घर घर में पूजेगा और तुम सब की कामना पूर्ण करोगे| आज श्याम बाबा के देश विदेश में हजारों कि शंख्या में मंदिर हैं| खाटू श्याम जी को शीश के दानी खाटू नरेश श्याम सरकार खाटू नाथ मोर्विनंदन लख दातार श्री खाटू वाले के नाम से भी जानते हैं| भगवान् श्री कृष्ण ने युद्ध की समाप्ति पर बर्बरीक का सिर रूपवती नदी को समर्पित कर दिया. तब कलयुग में एक समय खाटू गांव के राजा के मन में आए स्वप्न और श्याम कुंड के समीप हुए चमत्कारों के बाद फाल्गुन माह में खाटू श्याम मंदिर की स्थापना की गई. शुक्ल मास के 11 वे दिन उस मंदिर में खाटू बाबा को विराजमान किया गया. 1720 ईस्वी में दीवान अभयसिंह ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और तब से आज तक उस मंदिर की चमक यथावत है. श्याम कुंड की मान्यता देश-विदेश में है. ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु इस कुंड में स्नान करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. इस मंदिर की मान्यता बाबा के अनेक मंदिरो में सर्वाधिक रही है.

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे || ॐ

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे |
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े || ॐ

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे |
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले || ॐ

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे |
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे || ॐ

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे |
भक्त आरती गावे, जय – जयकार करे || ॐ

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे |
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम – श्याम उचरे || ॐ

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे |
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे || ॐ

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे || ॐ

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url