Sai Bhajan Ajab Hairan Hu Bhagwan अजब हैरान हूं भगवन
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं… कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं… करूं किस तौर आवाहन, कि तुम मौजूद हो हर जा...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं… कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं… करूं किस तौर आवाहन, कि तुम मौजूद हो हर जा...