मत देरे बीरा मायड न दोष,
करमा की रेखा न्यारी न्यारी रे॥
एक माई के बेटा चार चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे,
एक तो बणियो रे थानादार, दुजो तो हल हॉकतो फिरे॥
तीज्यो बणियो रे चरवादार ,चौथो तो गद्दी राज करे,
मत देरे बीरा.....
एक गाई के बछडा चार चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे,
एक तो बणियो रे बढीया ,सांड दुजो तो हल हॉकतो फिरे॥
तीज्यो गयो रे घाणी माही ,चौथो तो शंकर नाडीयो बणियो,
मत देरे बीरा....
एक बेली के तुम्मा चार चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे
एक तो बणियो रे बढीया, साज दुजो तो बस्ती मागतो फिरे॥
तीज्यो गयो रे साधु संग ,चौथो तो गंगा स्नान करे
मत देरे बीरा......
एक माटी का घडवा चार चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे
एक तो गयो रे पनघट माही ,दुजो तो छाणा थेपतो फिरे॥
तीज्यो गयो रे श्मशान ,चौथो तो शंकर शीश चढे
मत देरे बीरा......
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