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राम बिनु तन को ताप न जाई। जल में अगन रही अधिकाई॥ राम बिनु तन को ताप न जाई॥ तुम जलनिधि मैं जलकर मीना। जल में रहहि जलहि बिनु ज...
Kehi Samjhave Sab Jag Andha Lyrics Kabir Bhajan
केहि समुझावौ सब जग अन्धा॥ टेक॥ इक दु होयॅं उन्हैं समुझावौं सबहि भुलाने पेटके धन्धा। पानी घोड पवन असवरवा ढरकि परै जस ओसक बु...
Kehi Samjhave Sab Jag Andha Lyrics Kabir Bhajan
Reviewed by Saroj
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August 15, 2018
Rating: 5

Deewane Man Bhajan Bin Dukh Pahe Lyrics Kabir Bhajan
दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ ॥ टेक॥ पहिला जनम भूत का पै हौ सात जनम पछिताहौ। कॉंटा पर का पानी पैहौ प्यासन ही मरि जैहौ॥ १॥ द...
Deewane Man Bhajan Bin Dukh Pahe Lyrics Kabir Bhajan
Reviewed by Saroj
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August 15, 2018
Rating: 5

Jheeni Jheeni Beeni Chadariya kabir Bhajan Lyrics
झीनी झीनी बीनी चदरिया झीनी झीनी बीनी चदरिया॥ टेक॥ काहे कै ताना काहे कै भरनी कौन तार से बीनी चदरिया॥ १॥ इडा पिङ्ग...
Jheeni Jheeni Beeni Chadariya kabir Bhajan Lyrics
Reviewed by Saroj
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August 15, 2018
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बाबा गोरखनाथ जी की आरती जय गोरख देवा जय गोरख देवा | कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा | शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे | कान...
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बिणजारी ए हँस हँस बोल, प्यारी प्यारी बोल, बाता थारी रह ज्यासी, बिणजारो मत जाण बातां रह ज्यासी कंठी माला काठ की रे माही रेशमी ...
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कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नन्दलाल कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नन्दलाल हे गोपाल नन्दलाल,गोपाल नन्दलाल गोपाल नन्दलाल हे गोपाल नन्द...
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अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं… कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं… करूं किस तौर आवाहन, कि तुम मौजूद हो हर जा...
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भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै। तेरा जनम जनम का पाप करेड़ा, रंग किस बिध लागे रै॥टेर॥ संता की संगत करी कोनी भँ...
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जय नाथ जी महाराज की समझ मन माँयलारै, बीरा मेरा मैली चादर धोय। बिन धोयाँ दुख ना मिटै रै, बीरा मेरा तिरणा किस बिध होय॥टेर॥ देव...
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दोहा गणपति गिरजा पुत्र को सुमिरु बारम्बार | हाथ जोड़ बिनती करू शारद नाम आधार || चोपाई जय जय जय गोरख अविनाशी |...
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श्री बद्रीनाथ जी की आरती पवन मंद सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम् | निकट गंगाबहत निर्मल श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् || शेष सुमरन...
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केहि समुझावौ सब जग अन्धा॥ टेक॥ इक दु होयॅं उन्हैं समुझावौं सबहि भुलाने पेटके धन्धा। पानी घोड पवन असवरवा ढरकि परै जस ओसक बु...
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कोई मेरा क्या करैगा रे साई तेरा नाम रटूँगा, नगरी के लोगो, हाँ भलाँ बस्ती के लोगो। मेरी तो है जात जुलाहा, जीव का जतन करावा॥ हा...